कुंवारे सजदे



ज़िन्दगी में मुहब्बत हो, तो ज़िन्दगी सवाब होती है... और जब न हो, तो उसकी तलाश होती है... और इसी तलाश में इंसान उम्रभर भटकता रहता है...
अपनी एक ग़ज़ल में अदाकारा और शायरा मीना उम्र भर मुहब्बत को तरसती हुई औरत की तड़प बयां करते हुए कहती हैं-
ज़र्रे-ज़र्रे पे जड़े होंगे कुंवारे सजदे
एक-एक बुत को ख़ुदा उसने बनाया होगा
प्यास जलते हुए कांटों की बुझाई होगी
रिसते पानी को हथेली पे सजाया होगा...

तस्वीर :गूगल से साभार
  • Digg
  • Del.icio.us
  • StumbleUpon
  • Reddit
  • Twitter
  • RSS

0 Response to "कुंवारे सजदे "

एक टिप्पणी भेजें