अमलतास... तपती धूप में सड़कों के किनारे लगे अमलतास के दरख़्त कितने भले लगते हैं... पीले फूलों के गुच्छे मानो अपने पास बुला रहे हों और कह रहे हों-
ओ राही ! आओ, कुछ देर हमारे साये में सुकून पा लो... फिर अपने सफ़र पर आगे बढ़ जाना...
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