शिजरा


लोग अकसर शिजरे की बात करते हैं... हमारा ताल्लुक़ फ़लां ख़ानदान से है, उसका फ़लां से है... हम आला ज़ात के हैं और फ़लां कमतर ज़ात का है...
हमारा एक ही जवाब है- हमारा ताल्लुक़ हज़रत आदम अलैहिस्सलाम है, जो जन्नत में रहा करते थे...
हम ही क्या दुनिया के हर इंसान का ताल्लुक़ हज़रत आदम अलैहिस्सलाम है... इसलिए ख़ुद को आला और दूसरे को कमतर समझना अच्छी बात नहीं है...

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2 Response to "शिजरा"

  1. अन्तर सोहिल says:
    6 जुलाई 2015 को 1:17 pm बजे

    बहुत अच्छी और सच्ची बात

  2. कविता रावत says:
    8 जुलाई 2015 को 3:50 pm बजे

    खुदा के नज़र में सब एक हैं लेकिन इंसान ही छोटे बड़े का भेद करता हैं लेकिन वह नहीं जानता कि ऊपर वाले के नज़र सब पर रहती है। ।
    बहुत बढ़िया

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