ईस्टर संडे


ये त्यौहार ही तो हुआ करते हैं, जब लोग इकट्ठे होते हैं... एक-दूजे से मिलते हैं... कुछ अपनी कहते हैं, कुछ अपनी सुनाते हैं...
हमारी कई सहेलियां हैं, जो विदेशों में रहती हैं... त्यौहार के मौक़े पर वे अपने मायके आती हैं और उनसे मुलाक़ात हो जाती है... ये त्यौहार हमें आपस में जोड़े रखते हैं, बहुत-सी यादें ताज़ा हो जाती हैं... कल कई सहेलियों से मुलाक़ात हुई... वाक़ई कल का दिन बहुत प्यारा था, एक यादगार दिन था...

कल ईस्टर संडे था... ईस्टर संडे, गुड फ़्राइडे के बाद आने वाले इतवार को मनाया जाता है... ईसाई मान्यता के मुताबिक़ सलीब पर चढ़ाए जाने के बाद तीसरे दिन यीशु (ईसा मसीह) दोबारा ज़िन्दा हो गए थे... ईस्टर ख़ुशी का दिन होता है... इस त्यौहार को ज़िन्दगी में नये बदलाव के प्रतीक के तौर पर मनाए जाने की रिवायत है. यीशु के चाहने वाले गिरजाघर जाते हैं, अपने ईष्ट को याद करते हैं, प्रभु भोज में शामिल होते हैं और एक-दूसरे को मुबारकबाद देते हैं...
(ज़िन्दगी की किताब का एक वर्क़)
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