रुमाल...


मेरे महबूब !
ज़िन्दगी के
सफ़ेद रुमाल पर
मुहब्बत के
शोख़ रंगों से दमकता
और
अहसास के बेल-बूटों से महकता
तुम्हारा नाम टंका है...
जिसे
मैं हमेशा पढ़ते रहना चाहती हूं...
-फ़िरदौस ख़ान
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